मंगलवार, 19 मार्च 2024

साहित्य में जीवंतता कब आती है (काव्य लेखन) Sahitya Mein Jivntata Kb Aati hai...Kavita Lekhan



साहित्य में  जीवंतता कब आती है

                                    -डॉ. दिलीप गिऱ्हे 

साहित्य में जीवंतता तब आती है 
जब साहित्यकार प्रत्यक्ष अनुभूति को रेखांकित करता है
जब उसे गहराई से लिखा जाता है
जब उसका गहराई से चिंतन किया जाता है
जब उस पर बढ़-चढ़कर चर्चा होती है
जब उसके गुण-दोषों को बताया जाता है
जब उसको वास्तविक जीवन में लागू किया जाता है
जब वह मनोवैज्ञानिक स्वरूप धारण करता है
जब विद्यार्थी-शिक्षक उसे पढ़ता है
जब उसमें समाज का हित समाहित होता है
जब उसमें में सुख-दुख का दर्दनाक चित्रण मिलता है
जब उसकी आलोचना होती है
जब उसका विरोध-प्रतिरोध होता है
जब उसे पढ़कर दूसरा कोई लिखने की तमना करता है
तब यह जीवंतता सजीव वस्तु की तरह लगने लगती है।

कोई टिप्पणी नहीं: