हिंदी संवादों का सेतु
-डॉ.दिलीप गिऱ्हे
भारत बहुभाषी देश है
इसीलिए यहाँ प्रत्येक समाज में विविधता है
हिंदी ने सभी भाषाओं को हाथ से हाथ मिलाकर
उस भाषा का साहित्य समृद्ध किया है
दो भाषाओं को एकत्रित किया है
एक साहित्य को दूसरे भाषा में पढ़ने का मौका निर्माण किया है
कई भाषा के लिखकों का संवाद बढ़ाया है
विचार-विमर्श के लिए प्रेरित किया है
इसीलिए हिंदी यह आज कई भाषाओं को
एकत्रित करने वाला समृद्धि महामार्ग बन गई है
जिससे साहित्य निरंतर समृद्धि की ओर बढ़ रहा है।
हिंदी का सेतु आज भारत से लेकर विदेशों में भी तैयार हो रहा है।
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