झारखंड का सौरिया पहाड़िया आदिवासी समुदाय की महत्वपूर्ण जानकारी
झारखंड आदिवासी बहुत राज्य में संताल परगना के साहेबगंज एवं गोड्डा क्षेत्र के उत्तरी प्रदेश दुमका जिले में सौरिया पहाड़िया आदिवासी समुदाय निवास करता हुआ मिलता है| संताल परगना के क्षेत्र में पहाड़ी आँचल अधिक भरा हुआ हिया यहाँ की बस्तियां राजमहल की पहाडियों से ढकी हुई है| यही क्षेत्र इस समूह के आदिवास का क्षेत्र है|
ई स ३०२ ईसा पूर्व मैगस्थनीस ने भारत भ्रमण के दौरान राजमहल की पहाड़ियों मध्य में रहने वाले लोग आदिम जनजाति कहलाये या फिर उन्हें सौरी के रूप कहा गया| इसी वजह से इस समुदाय का नाम 'सौरिया' पड़ा है| 'मलेर' इनका दूसरा नाम है| इस आदिवासी समुदाय के लोग शारीरिक दृष्टिकोण से कद नाटा, चेहरा गोलाकार, नाक चौड़ी, रंग हलके भूरे, कपाल दीर्घ और बाल घुंगराले होते हैं| यह आदिवासी समूह भी प्रोटो ऑस्ट्रेलॉईड प्रजाति का माना जाता है| इनकी भाषा मा'ल्टो' जो की द्रविड़ियन परिवार की मानी जाती है| झारखंड के उरांव आदिवासी समुदाय की भाषा भी इसी परिवार की है| कई भाषा के जानकार एवं इतिहासकारों का मत हैं कि यह समूह उरांव आदिवासी समुदाय की ही एक शाखा है| किन्तु इस पर एक बृहत शोध की आवश्यकता है|
1 टिप्पणी:
Very nice sir, aapne bahutahi achhese pahadi aadiwasiyoke bare main hame jankari di hain
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