परहैया आदिवासी समुदाय का सामाजिक जीवन
झारखंड राज्य में निवासी परहैया आदिवासी की पहचान कई नामों से है| जैसे कि- पांडववंशी, पकफोड़, नरकटमा, और चेरोयान| इनके उपवर्ग कई प्रकार में बंटे हुए हैं| यह आदिवासी समुदाय अपना उपनाम 'परहैया' या 'बैगा' के नाम से लगाते हैं| सन् १८९१ में रिजले ने इनके कई गोत्र बताये हैं| जैसे- बाज, गिद्ध, कौआ, फतिंगा, नाग, मैना, टेटंगा, ओफिया इत्यादि| एक पत्नी विवाह प्रथा प्रचलन में है| पुनर्विवाह अपनी मर्जी से किया जाता| इस समुदाय की महिलाएं आर्थिक एवं सामाजिक रूप से अपना दायित्व निभाती है| इस प्रकार से परहैया आदिवासी समुदाय का संक्षेप में सामजिक परिवेश को जान सकते हैं|
लेखन-Dr. Dilip Girhe
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