परिवर्तन की लहर....
-Dr. Dilip Girhe
परिवर्तन की लहर
बुद्ध के विचारों से शुरू होती गई
आगे चलते-चलते
इस लहर को
संत कबीर ने
संत रविदास ने
संत तुकाराम ने
संत नामदेव ने
महात्मा ज्योतिराव फुले ने
सावित्रीबाई फुले ने
रानी दुर्गावती ने
झलकारीबाई ने
शाहूजी महाराज ने
भारतरत्न डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर ने
रामास्वामी पेरियार ने
बिरसा मुंडा ने
फूलन देवी ने
टंट्या भील ने
रामदयाल मुंडा ने
सोमा डोमा आंध ने
बाबूराव शेडमाके ने
मान्यवर कांशीराम साहब ने
मंडल साहब ने
आदि बहुजन महापुरुषों ने
इस लहर को
शिलालेखों के माध्यम से
भाषणों के माध्यम से
पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से
किताबों के माध्यम से
आगे बढ़ाया और
देखते-देखते अब यह लहर
बहुजन युवाओं ने
फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर
जैसे सोशल मीडिया के माध्यमों से
पूरे संसार में फ़ैला दी
जो समतामूलक समाज बनाने बनाने के लिए
सागर की लहरों जैसी
उछल रही है
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