बुधवार, 20 मार्च 2024

रावण की अभिव्यक्ति Ravan Ki Abhivyakti (Adiwasi Kavita)

 


रावण की अभिव्यक्ति  


हे सत्ताधारियो!

आखिर कब तक 

कब तक जलाते रहोगे मुझे!

अब मेरे वंशज 

जान गए हैं कि 

मैं आदिवासी हूँ 

लंकापति हूँ

मूलनिवासी हूँ

अनार्य हूँ  


तुम मुझे जब-जब  

जलाते रहोगे 

तब-तब मेरे वंशज 

मेरी आग को बुझाने रहेंगे  

खुद आग में जलकर 

प्रतिरोध करेंगे

मुझे जलाना मतलब 

आदिवासी नस्ल और 

आदिवासी अस्मिता को जलाना है 

तो क्या फायदा सत्ता की खुर्ची पर बैठकर 

विश्वविद्यालयों में बड़े पदों पर बैठकर 

आदिवासी विमर्श पर 

बड़े-बड़े सेमिनार करवाने का

  

हे सत्ताधारियो!

मेरे गलत इतिहास की अफ़वाह  

फैलाकर कब तक जलाते रहोगे 

तुम मुझे जलाते रहों 

खुशियाँ मानते रहों 

क्योंकि सत्ता तुम्हारी है

जब मेरे वंशजों की 

सत्ता आएगी तब 

कौन जलाएगा मुझे?

मेरे वंशज 

मेरे आदिवासी भाई 

मेरी तो पूजा करते हैं 

तुम कौन हो मुझे जलाने वाले?


हे सत्ताधारियो! 

आखिर कब तक जलाते रहोगे मुझे 

आखिर कब तक!

-Dr.Dilip Girhe

1 टिप्पणी:

Aakash ने कहा…

अति मार्मिक