शनिवार, 27 अप्रैल 2024

आदिवासी युवा कवयित्री जसिंता केरकेट्टा को मिलेगा 'ओमेगा रिजिलियंस अवार्ड'-aadiwasi yuva kavayitri jasinta kerketta ko milega omega resilience award

 


दिवासी युवा कवयित्री जसिंता केरकेट्टा को मिलेगा 'ओमेगा रिजिलियंस अवार्ड'


प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय फेलोशिप "ओमेगा रिजिलियंस अवार्ड (फेलोशिप)" के लिए हर साल अफ्रिका, लैटिन अमेरिका और भारत से ऐसे रचनात्मक युवाओं को चुना जाता है। जो अपने नए नज़रिए से दुनिया भर में लोगों का नज़रिया बदलने का काम कर रहे हैं। इसमें कई देशों से कवि होते हैं। साथ ही अपने समुदायों में भी लोगों को वैश्विक संकटों से बचे रहने के रास्ते तलाशने में सहयोग कर सकते हैं। पहले हर देश के बुद्धिजीवी, एक्टिविस्ट, प्रबुद्ध नागरिकों के सहयोग से ही युवाओं के नाम का चयन होता है फिर ऐसे युवाओं से संपर्क और संवाद किया जाता है। भारत से यहाँ पर स्टार्ट अप नाम की संस्था की मदद से युवा चुने जाते हैं। 



जसिंता ने अपनी बातों में कहा कि "भारत में ज्यूरी सदस्यों से साक्षात्कार के दौरान मैंने उन्हें अपनी बात रखते हुए कहा था कि काम करने के लिए आर्थिक सहयोग की ज़रूरत रहती है पर कई बार पैसा हम पर अलग तरह का दबाव लेकर आता है। बेईमान या स्वार्थी हो जाने, जैसे तैसे रिपोर्ट दिखाने, काम दिखाने का दबाव रहने की संभावना भी रहती है। लेकिन ज़मीन पर काम धीरे धीरे होता है। साधारण लोग धीरे धीरे चलते हैं। धैर्य और संवेदनशीलता के साथ किसी काम का आगे जाना ज़रूरी है। बदलाव या विकास को आंकड़ों में देखने से अधिक महसूस किया जाना ज़रूरी है। इस तरह अगर बिना किसी दबाव के धैर्य के साथ चला जाए तो फेलोशिप मददगार हो सकती है। खुशी है कि उन्होंने इस स्पष्टता को सहज स्वीकार कर लिया। इस फेलोशिप से आदिवासी समाज में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को नए तरीके से सशक्त करने में लगे आदिवासी सहयोगियों के साथ जुड़कर काम करने का अवसर मिलेगा। साथ ही भारत सहित अन्य देशों के युवाओं से सीखने का अवसर भी मिलेगा। इस वर्ष का यह फेलोशिप मेरे लिए इन कारणों से भी महत्वपूर्ण है।"

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