आदिवासी बहुत क्षेत्र बस्तर जिले की विशेषताओं पर एक नजर
बस्तर एक आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के नाते उस क्षेत्र की भारतवर्ष में खास विशेषता पाई गई है। बस्तर को जानने-समझने की जरूरत इसीलिए है।क्योंकि वहां की प्राकृतिक बनवट बहुत ही खास है। वह आदिवासी जीवन शैली से जुड़ी हुई है। जब कोई भ्रमण के लिए जाता है तो वह बस्तर जिले को देखने का इरादा करता है। इस लेख के माध्यम से हम बस्तर की कुछ खास विशेषताओं को देखने की कोशिश करेंगे-
1) बस्तर जिले में सम्मिलित विकास खण्डों की संख्या 12 है।
2) बस्तर जिले का क्षेत्रफल 17016 वर्ग कि.मी. है।
3) बस्तर जिले की जनसंख्या लगभग 13066793 है। वर्तमान में बदलाव हुआ है।
4) बस्तर जिले में सम्मिलित विकास खण्ड- बकावण्ड, बस्तर, लोहाण्डीगुड़ा, दरभा, जगदलपुर, बास्तानार, तोकापाल, कोण्डागांव, माकड़ी, बड़ेराजपुर, फरसगांव, केशकाल आदि प्रमुख है।
5) बस्तर जिले का जनसंख्या घनत्व 127.12 प्रति वर्ग किमी है।
6) साक्षरता का प्रतिशत 43.91 पूर्व 56.32 एवं मध्य 21.64. है।
7) लोकसभा क्षेत्र 2 (बस्तर एवं कांकेर) है।
8) विधान सभा क्षेत्र 6 (जगदलपुर विधान सभा क्षेत्र परिसिमन के आधार पर सामान्य किये जाने का प्रस्ताव एवं भानपुरी के स्थान पर बस्तर विधान-सभा के नाम से नये विधान सभा क्षेत्र का सृजन अन्य विधान -सभा क्षेत्र केशकाल, कोण्डागांव, जगदलपुर, केशलूर, चित्रकोट) आदि है।
9) सबसे कम साक्षर विकास खण्ड ‘बास्तानान’ साक्षरता का प्रतिशत 3.54. है।
10) सिनेमाघरों की संख्या कुल 5 हैं।
11) अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत 66.59 है।
12) वनों का प्रतिशत 81.09 है।
13) कुल वन क्षेत्र 7115 वर्ग किमी है।
14) जेल 02 (सेन्ट्रल जेल जगदलपुर एवं उप जेल नारायणपुर) हैं।
15) राष्ट्रीय राजमार्ग- 04 (43) रायपुर से विजयानगरम्, 16 निजामाबाद से जगदलपुर, 202 जगदलपुर से हैद्राबाद, 221 जगदलपुर से विजयवाड़ा वाया कोण्टा) आदि है।
16) रेलमार्ग के. के. लाईन (किरंदूल से कोल्सावल्सा) प्रमुख है।
17) बस्तर को साल वनों का द्वीप कहा जाता है।
18) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 63 है।
19) उप स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 314 है।
20) मेडीकल कॉलेज 01 (जगदलपुर में) है।
21) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या – 07 है।
22) औसत वार्षिक वर्षा 1300 मिमी है।
23) प्रस्तावित उद्योग- टाटा स्टील- लोहाण्डीगुड़ा, स्पंज आयरन प्लांट नगरनार आदि है।
24) चौराहों का नगर जगदलपुर माना जाता है।
25) दलपतसागर का निर्माण प्रतापी बस्तर नरेश दलपत देव ने करवाया था।
26) नारायणपाल के ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण 1111 ई. में गुण्डमहादेवी ने करवाया है।
27) पाथरी पुरातात्विक दृष्टि से महत्व पूहत्वपूर्ण स्थल है।
28) बस्तर की खास विशेषता यह है कि यहाँ पर दशहरे में रावण वध नहीं होता। बल्कि उसकी पूजा होती है।
29) बस्तर का जिला मुख्यालय जगदलपुर में है।
30) नवगठित बस्तर संभाग में सम्मिलित जिले बस्तर, दण्तेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर में है।
31) छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा तालाब ‘दलपत सागर जगदलपुर है।
32) दण्तेश्वरी मंदिर स्थित है दण्तेवाड़ा एवं जगदलपुर में है।
33) दण्तेवाड़ा जिले का मुख्यालय दण्तेवाड़ा में है।
34) दण्तेवाड़ा जिले में सम्मिलित विकास खण्डों के नाम दंतेवाडा, गीदम, कुआकोण्डा, कटेकलयांण, कोण्टा, सुकमा, छिंदगढ़ हैं।
35) बीजापुर जिले में सम्मिलित विकास खण्ड वीजापुर, भैरमगढ़, उसूर, भोपालपट्टनम आदि है।
36) नारायणपुर जिले में सम्मिलित विकास खण्ड - नारायणपुर एवं औरछा है।
37) नारायणपुर प्रसिद्ध है अपने मेले के लिए।
38) बारसूर के विश्व प्रसिद्ध मंदिर स्थित है दण्तेवाड़ा जिले में है।
39) दण्तेवाड़ा जिले का क्षेत्रफल 16288.99 वर्ग कि.मी. है।
40) दण्तेवाड़ा जिले की जनसंख्या 719065 (पुरुष 356502 एवं महिला - 362563) है।
41) दण्तेवाड़ा जिले में निवासरत अनुसूचित जनजाति की संख्या – 719065 है।
42) दण्तेवाड़ा जिले का लिंगानुपात- 1016 है।
43) दण्तेवाड़ा जिले का लोकसभा क्षेत्र जगदलपुर है।
44) दण्तेवाड़ा जिले में विधान-सभा क्षेत्र दण्तेवाड़ा एवं कोण्टा है।
45) बीजापुर जिले में लोकसभा क्षेत्र जगदलपुर है।
46) बीजापुर जिले में विधानसभा क्षेत्र बीजापुर है।
47) दण्तेवाड़ा जिले में साक्षरता का प्रतिशत 24.56 (पुरुष-32.39 एवं महिला 16.86) है।
48) दण्तेवाड़ा का जनसंख्या घनत्व 41 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी. है।
49) दण्तेवाड़ा प्रदेश का सबसे कम साक्षर जिला है।
50) बस्तर संभाग में सर्वाधिक साक्षर जिला कांकेर है।
51) बस्तर संभाग में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व कांकेर (71 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी.) में है जबकि न्यूनतम दण्तेवाड़ा (41 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी.) है।
52) कांकेर जिले में सम्मिलित विकास खण्ड 07 (कांकेर, चारामा, नरहरपुर, भानुप्रतापपुर, दुर्गकोंदल, अंतागढ़, कोयलीबेडा) है।
53) कांकेर जिले की कुल जनसंख्या 650934 है।
54) कांकेर जिले में सम्मिलित ग्राम पंचायत 389 है।
55) कांकेर जिले का जनसंख्या घनत्व 123.16 प्रति वर्ग कि.मी. है।
56) कांकेर जिले का लिंगानुपात 1005 है।
57) कांकेर जिले में कुल दो सिनेमाघर मुख्यालय कांकेर में ही स्थित है।
58) कांकेर जिले में अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत 56.07 है।
59) कांकेर जिले में लोकसभा क्षेत्र कांकेर है।
60) कांकेर जिले में विधान सभा क्षेत्र 03 (कांकेर, नारायणपुर, भानुप्रतापपुर) है।
61) नागवंशी राजाओं के समय बस्तर चक्रकूट के नाम से जाना जाता था. 62) दण्तेश्वरी मंदिर दण्तेवाड़ा की स्थापना सन् 1370 में काकतीय वंश के प्रथम शासक अन्नदेव ने की है।
63) लोहंडीगुडा गोलिकंद 31 मार्च 1961।
64) सलवाजूडुम नक्सली हिंसा विरुद्ध के जनआंदोलन 1 जून 2005 से शुरू.
65) भैंसादरहा में मगरमच्छ पाये जाते हैं।
66) अबूझमाड़ में झूम (पेंदा) कृषि की जाती है।
67) बस्तर संभाग में कुल 32 विकासखण्ड है।
निष्कर्ष:
इस प्रकार से छतीसगढ़ के बस्तर जिले में बहुसंख्यक मात्रा में आदिवासी समुदाय रहते हैं। उनकी सांस्कृतिक पहचान समग्र भारत के आदिवासियों से कुछ अलग सी है। समय के अनुसार उपरोक्त जानकारी के आंकड़ों में कुछ बदलाव भी हो सकते हैं।
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संदर्भ:
शरद चन्द्र गोंड व कविता गोंड-बस्तर एक खोज
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