आलोका कुजूर की कविता में ताजमहल की दुनिया के चित्र
-Dr. Dilip Girhe
ताज महल की दुनिया
नहीं सोचा होगा
शाहजहाँ ने
उसके प्यार की इमारत में
भारत का अर्थतन्त्र सिमटेगा
व्यापार पेट से जुड़ जायेगा
नहीं सोचा होगा
कि पत्नी के वियोग का स्थान
देश की भूख मिटाएगा
लाखों लोगों का रोज़गार
पूरे देश की अर्थ-व्यवस्था
अब टिकी है
शाहजहाँ के प्यार पर
दूर से चल कर वह
प्यार को निहारता
भारत की भूख को
सहारा दे देता
अब झुकने लगी है प्यार
की इमारत
थक चुकी है वह
बड़ी आबादी का पेट
भरते-भरते ।
-आलोका कुजूर-कलम को तीर होने दो
काव्य संवेदना:
भारत मे ताजमहल एक ऐसी वास्तु है जिसका नाम लेते ही सभी के दिलों दिमाग में प्रेम का प्रतीक तैयार हो जाता है। शाहजहां ने अपनी पत्नी के प्रेम के लिये भले ही यह वास्तु का निर्माण किया हो किंतु यह वास्तु आज प्रेम के प्रतीक के रूप में जगविख्यात है। इसी हम कह सकते हैं कि ताज़महल की एक अलग-सी दुनिया है। इसी दुनिया को आदिवासी कवयित्री आलोका कुजूर ने अभिव्यक्त किया है। वे इन दुनिया के अनेक चित्रों को रेखांकित करती है। यह वास्तु आज पर्यटन स्थल के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाली ऐतिहासिक सरकारी वास्तु भी कह सकते हैं। यानी कि शाहजहां की पत्नी की प्यार में भारत का अर्थ तंत्र सिमटता हुआ दिखता है। प्यार के साथ यहाँ पर रोजगार के भी अवसर प्राप्त हो गए हैं।
यानी प्यार से व्यापार और रोजगार ऐसी शृंखला ताज़महल वास्तु की विशेषता कहीं जा सकती है। शाहजहां ने कभी भी नहीं सोचा होगा कि उनकी पत्नी के प्यार के प्रतीक का स्थान आज एक बड़ा पर्यटन स्थल बन जायेगा। लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। और देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत करेगा। 'ताजमहल की दुनिया' कविता में आलोका कुजूर आगे लिखती हैं कि आज संपूर्ण विश्व भर के लोग शाहजहां के प्यार के प्रतीक को तलाशते हुए भारत आते हैं। ताज़महल का बनाने वाले का इतिहास खोजते हैं। उनका प्यार खोजते हैं। अब दिन ब दिन यह प्यार की इमारत पुरानी हो गई है। यानी कि शाहजहां के प्यार का प्रतीक अपना सिर झुकाने लगा दिखता है। वह इमारत भी अब तक थक चुकी है। क्योंकि बेरोजगारी भरे इस देश में आबादी इतनी बढ़ गई है कि सभी को रोजगार मिलना संभव नहीं है।
इस प्रकार से कवि आलोका कुजूर ने ताज़महल की दुनिया कविता में ताज़महल की विशेषता और उसके अस्तित्व पर प्रकाश डाला है।
संदर्भ:
रमणिका गुप्ता-कलम को तीर होने दो
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